यूएन में पास हुआ सीज़फायर का प्रस्ताव...

रमज़ान के महीने में 'यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी यूनाइटेड काउंसिल' ने 'हमास' व 'इज़रायल' युद्ध को रोकने के लिए सीज़फ़ायर प्रस्ताव पारित कर दिया। जिसे दोनों ही पक्षों ने सिरे से नकार दिया है। इस प्रस्ताव के बाद 'इज़रायल' 'अमेरिका' से नाराज हो गया है, क्योंकि 'अमेरिका' ने अपनी वीटो का इस्तेमाल नहीं किया।
वहीं 'इज़रायल' और 'हमास' दोनों ने ही प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया। जबकि अमेरीकी राजदूत 'लिंडा थॉमस' ने कहा कि रमज़ान के दौरान हमें शांति के लिए कोशिश करनी चाहिए और हमें चाहिए कि समझौते को स्वीकार करने के लिए हमास पर दबाव डाला जा सके ताकि बंधकों की रिहाई का रास्ता खोला जा सके, लेकिन हमास ने इस सीज़फायर को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया है।
वहीं 'इज़रायल' के प्रधानमंत्री 'बेंजामिन नेतन्याहू' ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि अफ़सोस की बात है 'अमेरिका' ने नए प्रस्ताव को वीटो नहीं किया। यह प्रस्ताव सीज़फ़ायर का आवाहन करता है, जिसे बंधकों की रिहाई से कोई लेना देना नहीं। वहीं हमास ने आरोप लगाया कि 'इज़रायल' उनकी प्रमुख मांगों की अनदेखी कर रहा है। जिन मांगों के अंतर्गत 'इज़रायल' 'गाज़ा' पट्टी से अपनी सेना को वापस बुलाए और कैदियों की अदला-बदली का मूल मार्ग खुल सके। इसलिए 'हमास' ने प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया है।
'हमास' और 'इज़रायल' के बीच युद्ध 7 अक्टूबर 2023 से जारि है। इसकी शुरुआत 'हमास' के हमले से हुई थी। जिसमें 1200 आम इज़रायली नागरिक मारे गए थे और 240 नागरिकों को अगवा कर लिया गया था। जवाब में इज़रायल ने 'ग़ाज़ा' पट्टी पर हवाई हमलों से शुरुआत की और फिर ज़मीनी भी हमले शुरू किए।