निजी स्कूल दिव्यांगों को दें अधिकार - दिल्ली हाईकोर्ट...

दिल्ली हाईकोर्ट के नए फैसले के बाद: निजी स्कूल भी RPwD Act (Rights of Persons with Disabilities Act) के तहत दिव्यांग बच्चों को ‘समावेशी शिक्षा’ (inclusive education) और ‘उचित सुविधा’(reasonable accommodation) देने के लिए बाध्य हैं।
मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह नियम सिर्फ सरकारी या फंडेड स्कूलों पर ही लागू नहीं होता, बल्कि उन सभी निजी स्कूलों पर भी लागू है जिन्हें सरकार या स्थानीय निकायों से मान्यता मिली हुई है।
यह मामला GD Goenka पब्लिक स्कूल से जुड़ा था, जिसने एक ऑटिज़्म से पीड़ित छात्र को दोबारा एडमिशन देने से मना कर दिया था। हाईकोर्ट ने स्कूल की आपत्ति खारिज कर दी और कहा कि यह रवैया “ग़लत और असहयोगी” है।
अदालत ने कहा कि RPwD Act के तहत दिए गए अधिकार सिर्फ भेदभाव रोकने के लिए नहीं हैं, बल्कि दिव्यांग बच्चों को समाज में बराबरी से जगह और अवसर देने के लिए भी हैं।
कोर्ट ने यह भी साफ किया कि धारा 16 के तहत निजी और गैर-फंडेड स्कूलों को भी पढ़ाई में कठिनाई (learning disabilities) वाले बच्चों की पहचान करनी होगी और उन्हें सुधारने के लिए सही तरीक़े अपनाने होंगे।
मतलब, स्कूल की ज़िम्मेदारी सिर्फ पहचानने तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चे की मदद करके उसकी पढ़ाई की दिक्कतों को दूर करना भी है।
इस ख़बर के मुख्य बिंदु
• दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: निजी स्कूल भी RPwD Act के तहत दिव्यांग बच्चों को समावेशी शिक्षा देनी होगी।
• नियम सिर्फ सरकारी/फंडेड स्कूलों पर नहीं, बल्कि सरकार/लोकल बॉडी से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर भी लागू।
• मामला GD Goenka पब्लिक स्कूल से जुड़ा, जिसने ऑटिज़्म पीड़ित छात्र को दोबारा एडमिशन देने से मना किया था।
• कोर्ट ने स्कूल की आपत्ति खारिज की, रवैया बताया “ग़लत और असहयोगी।
• RPwD Act के अधिकार सिर्फ भेदभाव रोकने के लिए नहीं, बल्कि दिव्यांग बच्चों को बराबरी का अवसर देने के लिए हैं।
• धारा 16 के तहत सभी स्कूलों को learning disabilities वाले बच्चों की पहचान करनी होगी।
• साथ ही, ऐसे बच्चों की मदद के लिए जरूरी कदम उठाना स्कूल की जिम्मेदारी है।
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